Saturday, June 21, 2008

WARRANTY CARD

नया T.V. खरीदा
चला नहीं,
तो जाकर बदल आई

ऐसे ही कुछ बरसों पहले
एक बड़े से शोरूम से
भगवान् की एक मूरत
खरीद लायी थी
तब से रोजाना
सर झुकाती आ रही हूँ
उसके आगे
पर आज तक उसने मेरी
कोई दुआ नहीं सुनी
न ही कोई अर्जी
कुबूल की है

सोचती हूँ
बदल आऊं उसे भी एक रोज़
पर क्या करुँ
खुदा आता नहीं
WARRANTY CARD के साथ.

2 comments:

Puja Upadhyay said...

आज पहली बार आपको पढ़ा है और मुग्ध हो गयी हूँ...बहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने. शब्द कितने सरल, अर्थ कितने गहरे...जैसे प्यार...जैसे मन...जैसे इश्वर(जो warranty कार्ड के साथ नहीं आता). अद्भुत.

वर्तिका said...

i m obliged..:)