Friday, February 27, 2009

दंगे


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बातों बातों में बस्तियों की बस्तियां जल गयीं
खुदा और भगवान जो लड़ रहे थे शहर में

दो पत्थरों के टकराने से चिंगारिया निकलती हैं!
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3 comments:

crazy devil said...

bahut acchi hai

Anonymous said...

दो पंक्तियों में, आपने बहुत गहरी बात कह दी।

लगता है कि आप हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत नहीं हैं यदि यह सच है तो उनके साथ अपने चिट्ठे को अवश्य पंजीकृत करा लें। बहुत से लोग आपकी कविताओं का आनन्द ले पायेंगे। हिन्दी फीड एग्रगेटर की सूची यहां है।

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

superb....triveni..pata hai maine apni pahli triveni abhi haal main hi likhi hai :)